कोरोना का ओमीक्रोन वायरस वर्जन

उदारवाद की सबसे बड़ी विशेषता है कि वो मानवीय स्वतन्त्रता का समर्थक है। बिना अच्छे स्वास्थ्य के मानव कभी स्वतंत्र हो ही नहीं सकता। कोरोना ने कहीं ना कहीं वैश्विक स्तर पर मानव की स्वतन्त्रता पर आघात करने का काम किया है। लॉकडाउन समेत सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों ने हमारी आजादी को सांकेतिक रूप से ही सही लेकिन बांधा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद अब कोरोना के ओमीक्रोन वायरस वर्जन ने दुनिया को फिर एक बार आतंकित कर दिया है। छोटे से अंतराल के बाद फिर से समूचे विश्व में पाबंदियों और प्रतिबंधों का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में बहुत जरूरी है सचेत और सर्तक रहना कोरोना के इस नए स्वरूप से। 

ओमीक्रोन वायरस क्या है और इसके लक्षण क्या है जाने ?

करोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के मामलों के साथ हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों ने उन लक्षणों के बारे में बताया, जो कोविड-19 रोग के मरीजों में इस नए वैरिएंट के कारण देखे गए हैं। उन्होंने इसके लक्षणों को जानने और सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि B.1.1.529 वैरिएंट को पहली बार 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से WHO को जानकारी दी गई थी।

विश्व के कई देशों में  कोरोना का  नया वेरिएंट ओमिक्रोन फैल रहा है।  अफ्रीकी देशों व विश्व के अन्य कई देशों से हजारों की संख्या में लोग हिंदुस्तान के एयरपोर्टस पर पहुंचे हैं। इनमें से  कुछ ही लोगों की ही लिस्ट एयरपोर्ट अथारिटी से मिल पा रहा है। दी गई जांच को कुछ दिनों में इनकी रिपोर्ट आने की संभावना है वहीं जिन लोगों की लिस्ट नहीं मिल पायी है उनके संक्रमित होने का डर सताने लगा है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने आगाह करते हुए कहा कि कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से रूप बदल रहा है। ओमिक्रीन फोरोना बागरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे सक्रमण बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। ये अभी राहत भरी खबर है कि पूरी दुनिया में ओमिक्रोन के चलते किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है हम बेफिक्र हो जायें। अभी भी खतरा टला नहीं है। पिछली बार की तरह इस बार भी हम सभी ने गलतियां की है। खुलेआम सोशल डिस्टेसिंग और मास्क न पहनने का उल्लंघन किया है। ऐसे में पूरे विश्य को डरना जरूरी है!

2020 में जब कोरोना की दूसरी लहर आयी थी तब उस समय भी लोगों ने मान लिया था कि अब कोरोना खत्म हो गया है और खुलेआम बिना मास्क पहने और सोशल डिस्टेसिंग का पालन न करते हुए, लोग बाहर घूमने लगे थे। सरकारों ने भी मान लिया था कि कोरोना खत्म हो चुका

ओमिक्रोन से पूरी दुनिया में फिर से भय का माहौल बना है , बाजार और ऑफिस सबकुछ फटाफट खोल दिया गया। किसी भी तरह का विश्लेषण नहीं किया गया। जिसका परिणाम हमारे सामने था। कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसी तबाही मचाई कि विश्व में सभी जगह हाहाकार मच गया । अस्पतालों में बेड कम पड़ गये। लोगों को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन कम पड़ गये। चारो तरफ मौत का तांडव होने लगा। कितने ही लोगों ने अपनी को खोया लेकिन फिर भी हम नहीं सुधरे। कुछ लोग होते है जो गलतियों से सीखते है लेकि ऐसा लगता है कि हम अपनी गतियों से कुछ भी नहीं सीखना चाहते इस बार भी हमने फिर यही गलती की है।


वैक्सीन से इम्यूनिटी लेकिन सावधान रहना है:

सवाल उठता है कि क्या वैक्सिन लगवा लेने का मतलब हम सुरक्षित हो चुके है। उत्तर है बिल्कुल नहीं। डाक्टर का मानना है कि वैक्सीन लगाने से हमें केवल और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ना कि न कि नए तरह के वायरस से ,

आज पूरी दुनिया एक बार फिर नये कोरोना आमिक्रोन के आने से डरी हुयी है। कुछ देशों ने तो अपनी यहां से उड़ानों तक को रहद कर दिया है। लेकिन हम निडर है बेफिक्र है ऐसा लगता है हमने वैक्सिन लगवा ली तो हमें कुछ नहीं हो सकता।

हमें  पहले से कहीं अधिक सावधान रहने की जरुत है क्योंकि अभी हमारे बच्चों को वैक्सिन का टीका नहीं लगा है।  ऐसे में आज हमारे बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है इस लिए हमें डरना जरूरी है। अगर बच्चों में संक्रमण फैल गया तो इसको रोक पाना बहुत बड़ी चुनौती होगा। वैरिएट ओमिक्रीम ने पूरी दुनिया में फिर से पहले जैसी ही चिंता बढ़ा दी है। लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली चीजें खानी चाहिए उस तरीके का खानपान रखना चाहिए और खासकर मास्क सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना चाहिए नहीं तो आने वाला समय बहुत ही भा हुआ होगा।

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डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

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